

क़र्ज़ और ब्याज में डूबा देश
क्या किसी को समझ नहीं आता ?
क्या इनसे बचाने का उपाय नहीं?
इसलिए देश को पढ़े लिखे
समझदार नेताओं की ज़रूरत है .
नई नई योजनाओं के लाभ की बातें होतीं है.
ऐसी बर्बादी रोकने की बातें कौन करेगा ?
इन्हें बचा लेने से हीं तो उस धन से
ना जाने कितने काम हो जायेंगें
इसके लिए ईमानदार , खुले दिमाग़ वाले और
अपने स्वार्थ से ऊपर देश को रखने वाले नेता चाहिये
जो हम सबों को जाति आधारित वोट बैंक नहीं
अनमोल मानव संसाधन समझ कर सम्मान करे .
News courtesy – https://www.finmin.nic.in/hi
News Courtesy – Inshorts
- हर दिन 1450 करोड़ रुपये का ब्याज चुका रही है केंद्र सरकार, जानिए कैसी है देश की आर्थिक स्थिति?
- भारत का आज भी आमदनी का आधा हिस्सा कर्ज चुकाने में चला जाता है.
Very bad condition.
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Yes, I completely agree with you dear.
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बहुत ज़रूरी बात!
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हाँ , पर किसी के पास समय नहीं इन समस्याओं पर ध्यान के लिए.
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प्रभावी !!!
शुभकामना
आर्यावर्त
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आभार।
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