मालूम है यह हसरत कभी पूरी नहीं होगी।
फिर भी ……..
अक्सर वहाँ जातें हैं,
जहाँ मिले थे।
नज़रें उठाते हैं
इस ख़्वाहिश के साथ –
शायद मुलाक़ात हो जाए ।
पर सब सूना सूना होता है ।
फिर भी………
अक्सर वहाँ जातें हैं ,
दिल मानता हीं नहीं……..

मालूम है यह हसरत कभी पूरी नहीं होगी।
फिर भी ……..
अक्सर वहाँ जातें हैं,
जहाँ मिले थे।
नज़रें उठाते हैं
इस ख़्वाहिश के साथ –
शायद मुलाक़ात हो जाए ।
पर सब सूना सूना होता है ।
फिर भी………
अक्सर वहाँ जातें हैं ,
दिल मानता हीं नहीं……..

Nice post
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thank you.
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दिल है कि मानता नहीं।बहुत ही खूबसूरत पंक्तियाँ।👌👌
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आभार आपका, आपकी लिखी पंक्तियाँ अपने तरिके से इसमे जोङ रहीं हूँ।
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सुक्रिया।
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आपका आभार 🙂
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