फितरत

फलक तक साथ चलने के वादे छोङो।

तुमने तो जमीं पर साथ निभाना छोङ दिया।

मेरी फितरत में है ऐतबार करना .

इस छल की उम्मीद हीं नहीं थी .

18 thoughts on “फितरत

      1. अगर ईमानदारी हो तब तो शब्दों की अभिव्यक्ति में भी यह झलकती है . पर जब किसी का मन और दिल साफ़ ना हो तो आचरण हीं महत्वपूर्ण है .

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