अजनबी सी है ये जिंदगी

अजनबी सी है ये जिंदगी,

और वक्त की तेज़ है रफ्तार.

रात इकाई,

नींद दहाई

ख्वाब सैंकडा,

दर्द हजार

फिर भी है जिँदगी मजेदार.

Unknown

सङकें

धूप सेंकते मोटे अजगर सी

बल खाती ये काली अनंत

अंतहीन सड़कें

लगतीं है ज़िंदगी सी ……

ना जाने किस मोड़ पर

कौन सी ख़्वाहिश

मिल जाए .

कभी ज़िंदगी को ख़ुशनुमा बनाए

और कभी उन्हें पूरा करने का

अरमान बोझ बढ़ाए .