कभी बातों से बात बिगड़ जाती है..
तब ख़ामोशी रिश्ते संभाल लेती है..!!
लेकिन जब खामोशी
घुटन…. उलझन….गलतफहमी भर दे …
तब भी क्या लफ्जों को मौन रहने दें?
कभी बातों से बात बिगड़ जाती है..
तब ख़ामोशी रिश्ते संभाल लेती है..!!
लेकिन जब खामोशी
घुटन…. उलझन….गलतफहमी भर दे …
तब भी क्या लफ्जों को मौन रहने दें?
Nothing in life
is as important
as you think it is,
while you are thinking about it.
~~ Daniel Kahnemanल


भविष्य के गर्भ में क्या छुपा है इसका भय अौर चिन्ता,
भूत काल की यादें, दुख ….अफसोस ….पछतावा
क्या कुछ बदल सकता है ?
फिर क्यों नहीं चैन से साँस लिया जाय
अौर वर्तमान में …..
जिया जाये ? ?
भविष्य के गर्भ में क्या छुपा है यह भय
भूत काल का दुख ….अफसोस ….पछतावा
क्या कुछ बदल सकता है ?
फिर क्यों नहीं वर्तमान में …..
जिया जाये ? ?






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