एक प्रश्न

कहते हैं –

ज्ञान इंसान को बेहतर बनाता है।

दर्द  गायन को तराशती है।

पीङा आध्यात्मिकता….वैराग  उत्पन्न करती है,

वेदना साहित्यकार को निखारती है,

व्यथा – कष्ट जीवन के नज़रिये को,

दंड-यंत्रणा भूल करने वालों को सुधारता हैं

अयोग्य राजनीतिज्ञ को  क्या सुधारता है?

लफ्ज या ख़ामोशी

कभी बातों से बात बिगड़ जाती है..

तब ख़ामोशी रिश्ते संभाल लेती है..!!

लेकिन जब खामोशी

घुटन…. उलझन….गलतफहमी भर दे …

तब भी क्या लफ्जों को मौन रहने दें?

Life

Nothing in life

is as important

as you think it is,

while you are thinking about it.

~~ Daniel Kahnemanल

Happy Women’s Day !!