
पतझड़ के नग्न होते पेड़ों से
आँसू से गिरते तरु पत्र .
निशा के चाँद के ओस अश्रु
या
उसके नयनों से टपकते अश्कों में …
किस में ज्यादा दर्द छुपा था
पता नहीं .
टूटना और बिछुड़ना तो प्रकृति का नियम है .

पतझड़ के नग्न होते पेड़ों से
आँसू से गिरते तरु पत्र .
निशा के चाँद के ओस अश्रु
या
उसके नयनों से टपकते अश्कों में …
किस में ज्यादा दर्द छुपा था
पता नहीं .
टूटना और बिछुड़ना तो प्रकृति का नियम है .
Duniya ka bhi yehi dastoor hai .
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Han ! Thik kahaa aapne 😊
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Fantastic lines with a Wonderful title.
👌👍
Shiva
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Thank you 😊 Shiva .
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A lovely fact beautifully phrased in poem
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Thank you 😊
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खूबसूरत कथन।।दुनियाँ की यही रित है।।👌👌
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बहुत शुक्रिया 😊
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Nice one.
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Thank you 😊.
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Vah
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aabhaar Divyen !!!!
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