धागा हो जिंदगी हो या जीवन की उलझी डोर
सुलझाना कभी कभी कठिन हो जाता है .
कभी उलझने सुलझाने में और उलझ जाती है .
और कभी लगता है डोर हीं ना टूट जाये .

धागा हो जिंदगी हो या जीवन की उलझी डोर
सुलझाना कभी कभी कठिन हो जाता है .
कभी उलझने सुलझाने में और उलझ जाती है .
और कभी लगता है डोर हीं ना टूट जाये .

I am little unwell , so I may be less responsive , replies may be delayed or sketchy . Hope you all will bear with me .
Happy blogging!!!
Thanks a lot.

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