चाहो जरुर अपने आप को ।
पर इतना भी ना चाहो कि
किसी अौर को चाहने की
जगह हीं ना रहे दिल में।
अौर
चाहो जरुर दूसरों को ।
पर इतना भी ना चाहो कि
खुद को चाहने की जगह ही ना रहे दिल में।
कविता की अंतिम तीन पंक्तियाँ सआभार ब्लॉगर मित्र अभय के सौजन्य से ।