जिंदगी के रंग – 45

जिंदगी के रंग निराले

जो कभी खून करना चाहते थे, उन्हें खून देते देखा।

जो जान लेना चाहते थे, उन्हें जान देते देखा

जो लाखों लोगों का दिल धङकाते थे,

उन्हें एक-एक धङकन के लिये मोहताज़ होते देखा।

जिनके लिये लाखों दुआएँ मागीं , उन्हें बद्दुआ देते देखा।

दिल में जगह देनेवालों को दिल तोङते देखा।

इन सब के बाद भी जीने की जिद देखी।

    बङी अजीब पर नशीली अौ हसीन है यह दुनिया…………….

36 thoughts on “जिंदगी के रंग – 45

Leave a reply to Rekha Sahay Cancel reply