Relax Into Life 

35 thoughts on “Relax Into Life 

      1. Its so sad.
        May i suggest you something?
        You start writing morning pages. Write anything and everything which comes to your mind , in the morning…. just like purging . ( may check morning page on internet).

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  1. बहुत अच्छी बात कही गई है इन पंक्तियों में । आँखें खोल देने वाली हैं ये । इन्हें पढ़कर कुछ हृदयस्पर्शी पंक्तियां स्मरण हो आईं :
    भीतर की तक़लीफ़ सृजन की माता है
    और भोगने वाला बड़ा विधाता है
    इसलिए प्राण मेरे, भोगो, फल निकलेगा
    इन बड़ी-बड़ी तक़लीफ़ों का हल निकलेगा

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    1. जी , मुझे भी यह लेख बङा पसंद आया। आपने काव्य रूप में बङी सही बात लिखी हैं।
      काफी हद तक यह गीता के निष्काम कर्मयोग की तरह है। जिससे मन या मस्तिष्क पर किसी तरह का बोझ नहीं रहता।

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