I was you and never knew it-

 

By day I praised you and never knew it.

By night I stayed with you and never knew it.

I always thought that I was me — but no,

I was you and never knew it.

~ Rumi

words that I write (Spiritual quote)

Your name is upon my tongue

Your image is in my sight

Your memory is in my Heart

Where can I send these words that I write?

~ Rumi

भव्य साङी- कविता saree – poem #indianTraditionalWear


Indian Bloggers

 

 

 

 

#sareefestival #Shailysahayreadingitatsareefestival

 Sari  is  considered to be of  spiritual benefits in compression to Stitched fabrics . Saree is a traditional Indian wear. It is an unstitched length of cloth measuring 42 – 49″ wide and 5.5 to 9 yards in length.

९ गज का वस्त्र ,साङी पारंपारिक अौर सात्त्विक परिधान माना जाता है । गांठ से  बांधनेवाले, बिनसिले वस्त्र के ४-५ मीटर लंबे टुकडे, जो कमर पर लपेटे कर कटि में गांठ द्वारा बांधे जाते हैं, सिले हुए वस्त्रों की तुलना में आध्यात्मिक लाभ वाले माने जाते हैं।

sari

क्या होता है कहीं ऐसा परिधान ?
खुबसूरत भव्य साङी, मात्र एक लम्बा चीर
नारी के सौंदर्य को बढाता भी है
अौर छुपाता भी है।
ममता भरे आचंल की छावँ,
घुँघट अौर पल्लु की नव गजी ,
भारतीय नारी की पारंपरिक साडी।

इसे बनाने, बुनने अौर पहनने के अनगिनत तरिके।
कभी ना कभी हर वामा हर नारी,
दिल से, पहनती है साङी।
कहनेवाले कहते हैं –
विदेशी वस्र हैं, महिला अपमान का कारण,
पर चीर हरण तब भी होता था,
अब भी होता है।
समस्या वस्र नहीं, मानसिकता में है।

आध्यात्मिक कहलाने वाले धोती-साङी , थी परंपरा पहचान,
पुरुष भूल रहें हैं
पर, कैसे पहने साङी इसमें आज भी उलझी नारी।

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इंद्रधनुष -कविता Rainbow -poem


Indian Bloggers

 

There is nothing in this world that is not a gift from you  ~  Rumi.

 

ज़िंदगी के सात रंगों को भूल,

       हम जीवन को ढूँढ रहे हैं

          काले-सफ़ेद रंगों के धुआँ अौर  धुंध में।

                   भाग रहें हैं,  अनजानी राहों पर ,

                       दुनिया के मायावी  मृगतृष्णा के पीछे।

                            आंगन की खिली धूप, खिलते फूल,

                                  बच्चों की किलकारी, 

                                   ऊपरवाले की हर रचना है न्यारी।

                                       अगर कुछ ना कर सको ,

                                        तो थमा दो ऊपर वाले को अपनी ङोर।

                                           खुबसूरत सतरंगी  इंद्रधनुषी  लगेगी,

                                                 ज़िंदगी हर अोर। 

 

 

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रौशन जहाँ -कविता 

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माँ के गर्भ में अजन्मा शिशु अपने 

को सुरक्षित समझ ,बाहर आने पर 

रोता हैं.

इस दुनिया को अपना घर मान 

इंसान भी , इसे छोड़ने के 

डर से रोता हैं.

क्यों यह नहीँ सोचता ?

आगे रौशन  और भी “जहाँ ” हैं.

 

 

 

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शिवलिंग और नर्मदा ( कविता )

                   -Shivlingam-yonibase-2b

एक पत्थर ने पूछा शिवलिंग से।

                    तुम चिकने हो, सलोने हो इसलिए

                                  पूजे जाते हो?

                हमें तो ना कोई पूछता है। ना ही पूजता है।

                शिवलिंग ने कहा- मैं भी तुम जैसा ही था।

                     नोकदार रुखड़ा, पत्थर का टुकड़ा।

                        पर मैंने अपने को छोड़ दिया

                      नदी के प्रवाह में, नियंता के सहारे।

                   दूसरों को चोट देने के बदले चोटें खाईं।

                नर्मदा ने मुझे घिस – माँज कर ऐसा बनाया।

                  क्या तुम अपने को ऐसे को छोड़ सकोगे?

           तब तुम भी शिव बन जाओगे, शिवलिंग कहलाओगे।

(ऐसी मान्यता है कि नर्मदा नदी का हर पाषाण शिवलिंग होता है या उनसे स्वाभाविक और उत्तम शिवलिंग बनते हैं। नर्मदा या रेवा नदी हमारे देश की 7 पवित्र नदियों में से एक है। नर्मदा नदी छत्तीसगढ़ में अमरकंटक मैं विंध्याचल गाड़ी श्रृंखला से निकलती है और आगे जाकर अरब सागर में विलीन हो जाती है। अमरकंटक में माता नर्मदा का मंदिर है । यह ऐसी एकमात्र नदी है जिस की परिक्रमा की जाती है यह उलटी दिशा में यानी पूरब से पश्चिम की ओर बहती है । इसे गंगा नदी से भी ज्यादा पवित्र माना जाता है । मान्यता है कि गंगा हर साल स्वयं गंगा दशहरा के दिन नर्मदा नदी के पास प्ले के लिए पहुंचती है ।यह एक महत्वपूर्ण तीर्थ स्थल है। इस प्राचीन नदी की चर्चा रामायण, महाभारत , पुराणों और कालिदास के साहित्य में भी मिलता है।

हमारा जीवन भी ऐसा हीं है। जीवन के आघात, परेशनियाँ, दुःख-सुख हमें तराशतें हैं, हमें चमक  प्रदान करते हैं ।

Life is a journey of self discovery. Describe your journey till now or a part of your journey which brought to closer to a truth about life or closer to your soul and self-discovery. #SelfDiscovery

 

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