खामोशी के सबक़

विचारों की रीसाइक्लिंग Global Recycling Day 18 March

हमारी ख़ासियत

बेचैन लहरों के आग़ोश में

वक्त

गहरे दरिया के पानी सा खामोशी से बहता है वक्त ।

बिना ठहरे गलता- पिघलता है वक्त ।

घड़ी पर हाथ रखें या वक्त के नब्ज पर,

डूबते वक्त के साये में,

डूब हीं जाता है दिन स्याह अंधेरे में सहर के इंतज़ार में।