By plucking her petals
you do not gather
the beauty of the flower.
Rabindranath Tagore
By plucking her petals
you do not gather
the beauty of the flower.
Rabindranath Tagore
Omar Khayyam, Rubáiyát of Omar Khayyám
जिंदगी की ख्वाहिशों में,
ना जाने कितने काश ,
शामिल हैं।
कुछ पूरे, कुछ अधुरे , कुछ खास …….
रुई से सफेद, बादलों से हलके काश के फूलों की तरह।
कुछ हवा के झोंकों में उङ गये।
कुछ आज भी पूरे होने के जिद में,
अटके हैं !!!!
काश / काँस के फूल – मुझे कास के सफेद फूल’ हमेश से नाजुक अौर सुंदर लगते हैं। दशहरा या शारदीय नवरात्र के आसपास ये जंगली फूल ताल, तलैया, खेतों के आसपास अौर जहाँ-तहाँ दिखतें हैं। काँस को देवी दुर्गा का स्वागत करता हुआ सुमन कहा जाता है । एक बार बङे शौक से इन फूलों को ला कर रखा। लेकिन जल्दी हीं ये हवा के झोंके के साथ पूरे घर में बिखर गये। ( Saccharum spontaneum / wild sugarcane / Kans grass)

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