अपने आप से मिल कर कैसा लगा ?

The self-concept is what we think about the self (ourself); self-esteem, is the positive or negative evaluations of the self, as in how we feel about it.
Abraham Maslow states that psychological health is not possible unless the essential core of the person is fundamentally accepted, loved and respected by others and by her or his self. Self-esteem allows people to face life with more confidence, benevolence and optimism, and thus easily reach their goals and self-actualize.

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हम अपने बारे में क्या सोचते हैं और कैसा सोचते हैं सेल्फ कंसेप्ट कहते हैं। यह सकारात्मक या नकारात्मक हो सकता है। अब्राहम मस्लो के अनुसार हमारा मानसिक स्वास्थ्य ठीक रहने के लिए, यह जरूरी है कि हम अपने को स्वीकार करें अौर प्यार करें। इससे हम आत्मसम्मानी, आत्मविश्वासी   आशावादी  बनते हैं। सेल्फ कंसेप्ट का मजबूत होना और सकारात्मक होना अच्छी बात हैं.

कभी अपने भीतर झाँकने की कोशिश की है?

आईने में झाँको , अपने आप को ग़ौर से देखो

अपनी आँखों में , निगाहों में झाँको.

अपने अंदर झाँको, मिलो अपने आप से.

बातें करो अपने आप से .

और बताओ अगर

बिलकुल अपने जैसा कोई मिला

तब कैसा लगेगा आपको ?

मिलना चाहेंगे या नहीं उससे ?

सबसे पहले क्या कहना चाहेंगे ?

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खेल – खेल कर स्वस्थ रहें -मनोविज्ञन Psychology-Sports and Physical Activity Reduces Stress

पढ़ोगे लिखोगे बनोगे नवाब।
खेलोगे कूदोगे होगे खराब।

बचपन में यह जुमला अक्सर सुनने के लिये मिलता था। क्या आप विश्वास करेगें, आज यह बात विपरीत होती जा रही है। आज लोग खेल मे भाग लेते हुए तनाव के स्तर को कम करने और अच्छा शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य प्राप्त रखने की बातें कर रहें हैं।

मेडिकल शोधकर्ताओं, डॉक्टरों अौर अमेरिकन एसोसिएशन आफ एंजाईटी एंङ ङिप्रेशन के अनुसार, खेल और नियमित व्यायाम से हम अपनी चिंताओं और अवसाद को नियंत्रित कर अपने दिमाग को राहत पहुँचा सकते हैं।साथ हीं फील गुड एहसास प्राप्त कर सकते हैं। वास्तव में यह सच्चाई भी है कि खेल , व्यायाम तथा योग तनाव से राहत प्रदान करते हैं। ये शारीरिक गतिविधियाँ तनाव कम करते हैं।

तनाव

सामान्य तनाव जीवन का एक अनिवार्य हिस्सा है।पर सामान्य से अधिक तनाव या चिंता गंभीर मानसिक समस्या है। सर्वेक्षणों के अनुसार अमेरिका में हर दस वयस्क में सात गंभीर दैनिक तनाव या चिंता के शिकार होते हैं।

अमेरिकन साइकोलॉजिकल एसोसिएशन ने 2007 – 2008 में एक सर्वेक्षण किया। इसमें पाया गया, लोगों को तनाव के कारण तथा उससे होने वाले शारीरिक और भावनात्मक तनाव में पिछले एक साल में वृद्धि हुई है।

एक ऑनलाइन सर्वेक्षण के अनुसार 14 प्रतिशत, लोग तनाव से निपटने के लिए नियमित रूप से व्यायाम करते हैं। 18 प्रतिशत दोस्तों या परिवार से बात करते हैं,। सोकर 17 प्रतिशत लोग तनाव कम करने की कोशिश करते हैं।फिल्में या टीवी देख कर14 प्रतिशत, 13 प्रतिशत संगीत सुन कर अौर खाना या मनपसंद भोजन से 14 प्रतिशत लोग तनाव कम करने की कोशिश करते हैं।

तनाव का प्रबंधन कैसे करें – मानसिक स्वास्थ्य

खेल और नियमित व्यायाम शारीरिक और मानसिक तनाव से राहत देता है। साथ हीं नींद को बढ़ती हैं।

* जीवन में बादलाव जरुरी है –
मनोरंजन, खेल, शरीरिक गतिविधियाँ , योग आदि उपलब्धि की भावना और आत्मविश्वास बढ़ाते हैं। साथ हीं जीवन में परिवर्तन लाते रहते हैं। जो मन में जमे तनाव को पिघलाता हैं।

* एंडोर्फिन – फील गुड मस्तिष्क रसायन
खेल, नियमित व्यायाम अौर शारीरिक गतिविधियाँ, हमारे शरीर में न्यूरोट्रांसमीटर या मस्तिष्क रसायन एंडोर्फिन शरीर के उत्पादन को उत्तेजित करते हैं। एंडोर्फिन हमारे मूड में सकारात्मक परिवर्तन के लिए जिम्मेदार है। एंडोर्फिन के स्तर में वृद्धि से “फील गुड” भावना आती है, दर्द कम होता है और तनाव और अवसाद में कमी आती है। खिलाङी इसे परम उत्साह की स्थिती या रनरस हाई (runner’s high) कहतें हैं।

* समाजीकरण, लोगों से मिलना -जुलना
समाजीकरण किसी भी तनाव प्रबंधन दिनचर्या का एक जरूरी हिस्सा है। लोगों से मिलने -जुलने, टीम में खेलने अौर भाग लेने से हमारे शरीर में ऑक्सीटोसिन हार्मोन का स्त्राव बढ़ाता है। ऑक्सीटोसिन हार्मोन हमें तनावरहित कर चिंता स्तर को कम करता है।

* आत्म सम्मान
क्या आप जानते हैं, आत्म सम्मान की भावना और आत्म प्रभावकारिता की भावना हमारे तनाव के स्तर को कम कर सकते हैं ? जिसे आप खेलकूद से प्राप्त कर सकतें हैं। यह आप की सुस्ती, उदासीनता, आत्म घृणा यहां तक कि अवसाद की भावनाओं को कम कर सकती है।यानि तनाव से लङने के लिये नियमित खेलकूद व व्यायाम शक्तिशाली हथियार है।

* स्वस्थ आदतें
खेलकूद व व्यायाम से अच्छी भूख लगती है। जो हमें पौष्टिक भोजन, नाश्ता और पेय पदार्थों का उपयोग करने के लिए प्रोत्साहित करती है।साथ हीं वजन भी नियंत्रित करती हैं। इससे सोने की दिनचर्या में सुधार तथा फिटनेस आता है।

* शरीर और मन का कसरत
अध्ययनों से पता चलता है कि शारीरिक गतिविधियाँ सतर्कता और एकाग्रता में सुधार लाती हैं। यह तनाव कम कर शारीरिक ऊर्जा अौर ध्यान केंद्रित करने की क्षमता बढ़ातीं हैं। खेल, ध्यान आदि के समय लिये गये गहरे सांस एंडोर्फिन का उत्पादन कर सक्रिय और स्वस्थ महसूस कराती हैं।

अगर आपको खेल – खेल में शारीरिक और मानसिक पुरस्कार प्राप्त करना हैं, तब खेल अौर शारीरिक गतिविधियाँ उम्र अौर अपनी क्षमता के अनुसार बढ़ाएँ अौर स्वस्थ रहें।