इन दुनियावी रंगों , इत्रों, खुशबू, सुगंध से परे
कोई अौर भी राग-रंग, महक है ,
जो दिल और आत्मा को रंगती हैं
जीवन यात्रा में।
यह खुशबू हमें ले कर चलती रहती है,
प्यार भरे जीवन के अनन्त पथ पर।
इन दुनियावी रंगों , इत्रों, खुशबू, सुगंध से परे
कोई अौर भी राग-रंग, महक है ,
जो दिल और आत्मा को रंगती हैं
जीवन यात्रा में।
यह खुशबू हमें ले कर चलती रहती है,
प्यार भरे जीवन के अनन्त पथ पर।
इस जीवन यात्रा में…..
एक बात तो बङे अच्छे से समझ आ गई,
अपनी लङाई खुद ही लङनी होती है।
इसमें
शायद ही कोई साथ देता है,
क्योंकि
लोग अपनी लङाईयों अौर उलझनों में उलझने होते हैं।