ख़फ़ा

अजब है नज़ारा जरा गौर कर।

ख़ुद से जुनूनी प्यार पर,

औरों से जरा ज़रा सी बातों पर

क्यों लोग है ख़फ़ा-ख़फ़ा?

अपने दिल को पढ़,

ज़िंदगी से गिला तो नहीं?

कहीं ख़ुद से ख़फ़ा तो नहीं?

नाराज़गी और राज़ी होना है हमारी फ़ितरत।

पर क्यों नाराज़गी उतारें औरों पर?

सोंचिये जरा, इंसानों के इस रवईये से

ग़र ख़ुदा सीख, ख़फ़ा हुआ इंसानों से

तो क्या होगा?

Narcissism is increasing in modern

societies, specially in West and

referred to as a “narcissism epidemic.

The endorsement rate for the statement “

Narcissism – a person who has an excessive

interest in or admiration of themselves.who

think the world revolves around them.

मिथ्यारहित सत्य

मिथ्यारहित सत्य

चाँद को चाँद कह दिया,

ख़फ़ा हो गई दुनिया ।

जब सच का आईना

सामने आया।

सौ-सौ झूठों का

क़ाफ़िला सजा दिया।

ना खुद से ना खुदा से

बोलना सच।

और कहते हैं जीवन का

अंतिम पड़ाव है सच ….

….. मिथ्यारहित सत्य।