
मेरी नई किताब आज पब्लिश हुई है।
यह Notion press में उपलब्ध है।link 👇🏻
https://notionpress.com/read/vandana-1364498
मेरी सारी किताबें अमेजान और नोशन प्रेस पर उपलब्ध हैं। मेरी अन्य किताबें –

Amazon link for the book-

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“ज़िंदगी के रंग” my poem book
इस नाम से, बरसों से मैं कविताएं लिखती आ रही हूँ। मेरे लिये खुशी की बात है कि मुझे अपनी कविताओं को पुस्तक रूप देने का अवसर मिला। इस किताब में मैंने अपनी नई कविताओं के साथ कुछ पुरानी कविताएं भी डाली है। आशा है, आप लोगों को यह कविता संग्रह पसंद आएगी। आप इसे नीचे दिए गए लिंक पर पढ़ सकते हैं और अगर चाहे, अब आप इसे दिए गए पब्लिकेशन लिंक पर ऑर्डर भी कर सकते हैं। अगर आप में से कोई मेरी इस किताब का रिव्यू करना चाहे तो मुझे बताएं। मुझे इससे बड़ी खुशी होगी।
इस पुस्तक के छपने की यात्रा में मदद के लिए आशीष/ शैंकी, रिव्यू लिखने के लिए स्मिता सहाय पुस्तक के कवर पृष्ठों पर तस्वीरों के लिए चांदनी सहाय की तहे दिल से आभारी हूं।

आसमान छूने की चाहत छोड़,
कैद कर लिया है अपने को,
अपनी जिंदगी को,
खुले दरवाजे और शीशे की कुछ अजनबी दीवारों, खिड़कियों में।
जैसे बंद पड़ी किताबें,
कांच की अलमारी से झांकती हैं अपने को महफ़ुज मान,
पन्नों में अपनी दास्तानों को कैद कर।
अब खाली पन्नों पर,
अपने लफ्ज़ों को उतार
रश्म-ए-रिहाई की नाकाम कोशिश कर रहें हैं।
जिंदगी थी खुली किताब,
हवा के झोकों से फङफङाती ।
आज खोजने पर भी खो गये
पन्ने वापस नहीं मिलते।
शायद इसलिये लोग कहते थे-
लिफाफे में बंद कर लो अपनी तमाम जिन्दगी,
खुली किताबों के अक्सर पन्नें उड़ जाया करते है ।
सारी दुनिया की रीत- रिवाजों को पढ़ा।
ना जाने कितनी सारी किताबें को पढ़ा।
पर नहीं पढ़ा , तो बस अपने आप को।
सारी कायनात को पढ़ कर समझ आया……
अपने अंदर हीं है
सारी कायनात, दुनिया अौ सारी खुदाई।
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