कहते तो हैं– आवाज़ हीं पहचान है !!
पर क्या मिला है कोई ?
जो आवाज से आपकीखुशी या गम जान लें
अगर मिलें तो दिल केकरीबरखना इन्हें,
बङे खास होते हैं ये लोग।
कहते तो हैं– आवाज़ हीं पहचान है !!
पर क्या मिला है कोई ?
जो आवाज से आपकीखुशी या गम जान लें
अगर मिलें तो दिल केकरीबरखना इन्हें,
बङे खास होते हैं ये लोग।
जिंदगी थी खुली किताब,
हवा के झोकों से फङफङाती ।
आज खोजने पर भी खो गये
पन्ने वापस नहीं मिलते।
शायद इसलिये लोग कहते थे-
लिफाफे में बंद कर लो अपनी तमाम जिन्दगी,
खुली किताबों के अक्सर पन्नें उड़ जाया करते है ।