ऋषिकेश की मेरी यात्रा

हिमालय के प्रवेश द्वार – ऋषिकेश की मेरी यह यात्रा बेहद ख़ुशनुमा रही। यहाँ हिमालय की शिखरों से नीचे ऊतर समतल धरा पर शीतल गंगा कलकल- छलछल बहती अद्भुत सम्मोहक लगती है। गंगा के एक ओर के घाटों पर खड़े हो कर दूसरी ओर के किनारे की छटा निराली दिखती है। दूर नज़र आते हैं – परमार्थ निकेतन, राम झूला, सीता झूला, गंगा आरती तथा गंगा तट पर शिव मूर्ति।शाम में होने वाली गंगा आरती की छटा भी निराली और मनमोहक होती है। लोग आस्था के साथ पत्ते के बने दोने में पुष्पों के बीच दीप प्रज्ज्वलित कर गंगा को समर्पित कर प्रवाहित करते है। नदियों को देवतुल्य मान अद्भुत आस्थामय सम्मान देने की यह परंपरा शायद हीं विश्व में कहीं और नज़र आती है। यहाँ की स्वच्छ पुण्य सलिल गंगा को देख कर ख़्याल आता है – “काश गंगा इतनी हीं स्वच्छता से देश के हर क्षेत्र में बहे।”

ड्रीम कैचर Dream Catcher

हिमालय के प्रवेश द्वार – ऋषिकेश की मेरी यह यात्रा कई मायनों में बेहद ख़ुशनुमा रही। इस बार ऋषिकेश मैं अपनी वर्षों पुरानी बचपन की सहेली मोनी से मिलने गई। जब मैं बद्रीनाथ में थी, तभी मेरी तस्वीर और विडीओ देख कर उस ने मुझे मिलने के लिए आमंत्रित किया। ऋषिकेश जा कर उसके साथ वहाँ घूमना और गंगा आरती देखना बड़ा सुखद लगा। लबालब छलकती, उफनती गंगा की कलकल-छलछल बहती धारा अद्भुत सुकून देती है। गंगा तट पर बैठ कर हम दोनों ने काफ़ी वक्त गुज़ारा। गंगा का किनारा और पुराने दोस्त का साथ, अद्भुत संगम सा एहसास था। मेरी मित्र ने ऋषिकेश के बाज़ार में घूमते समय ड्रीम कैचर के बारे में बताया। मैंने वहाँ से ड्रीम कैचर ख़रीदे।

ड्रीम कैचर – मान्यता है कि ड्रीम कैचर की शुरुआत नेटिव अमेरिका से हुई हैं। किवदंति है कि असिबिकाशी नामक एक महिला ने अपने जादू से बच्चों को बुरे सपनों, बीमारियों और काले जादू से बचाने के लिए उनके बिस्तर के ऊपर ड्रीम कैचर टांगते की शुरुआत की थी। फेंगशुई में ड्रीम कैचर महत्वपूर्ण है। ठीक वैसे, जैसे हम तोरन या वंदनवार को टाँगना शुभ मानते है। खूबसूरत और रंगीन ड्रीम कैचर रसोई में, बुरी नज़र से बचाव के लिए घर के द्वार पर, सकारात्मक ऊर्जा और सुखद यात्रा के लिए शयन कक्ष की खिड़कियों पर लटकाए जाते है। आध्यात्मिक और ब्रह्मांड की सात्विक ऊर्जाएं पाने के लिए ड्रीम कैचर पर ध्यान केंद्रित करना भी अच्छा माना जाता है।