इम्तहान

इम्तिहान

ज़िंदगी क्या तुझे

ख़बर है?

कितनी बार टूट कर

यहाँ पहुँचें है?

तू बस परखते रह,

नए-नए इम्तिहान

लेती जा।

2 thoughts on “इम्तहान

  1. हमे जरूर
    हमारी चेतना के साथ
    रोजाना चेक करें
    क्या हम सही रास्ते पर हैं
    हमारे लिए
    चुने गए हैं

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