सूर्य दक्षिण जा बैठा और सर्द मौसम ने चादर फैला लिया. अब सूरज उत्तर की यात्रा पर निकला है, कर्क से मकर की ओर. अब रातें छोटी और दिन लम्बी होगी. सूर्य की गुनगुनी धूप में आकाश रंग-बिरंगी पतंगो से जगमगा उठेगा. नदियों-तीर्थों पर उपासक प्रकृति के सम्मान में सूर्य को नमन करेंगे. जीवन नव धान्य, गुड-तिल के माधुर्य से भर जाएगा.
मान्यता है कि काले रंग की साड़ी और मृग चर्म की कंचुकी, नीलम का आभूषण, अर्क पुष्प की माला धारण किए हुए “संक्रांति” आती है, जो सुख सम्पन्नता का प्रतीक है. मानव जीवन के आधार – प्राकृतिक को, कृतज्ञता अर्पित करते इस पावन त्योहार पर आप सबों को हार्दिक शुभकामनाएं!!
वेदांत के विख्यात और प्रभावशाली आध्यात्मिक गुरु स्वामी विवेकानन्द का जन्म: 12 जनवरी,१८६३ – मृत्यु: ४ जुलाई १९०२ में हुआ था. उन्होंने शिकागो में सन् १८९३ में आयोजित विश्वधर्ममहासभा में भारत की ओर से सनातनधर्म का प्रतिनिधित्व किया था। भारत का आध्यात्मिकता से परिपूर्ण वेदान्त दर्शन अमेरिकाऔर यूरोप के हर एक देश में स्वामी विवेकानन्द की वक्तृता के कारण ही पहुँचा. उनकी बोली पंक्तियाँ आज भी शिकागो आर्ट इन्स्टिट्यूट की सीढ़ियों पर जगमगा रहीं हैं. उन्हें श्रद्धा सुमन !!!
Swami Vivekananda / Narendranath Datta or Naren was borne in Calcutta, the capital of British India, on 12 January 1863 during the Makar Sankrantifestival. He was a key figure in the introduction of the Indian philosophies of Vedanta and Yoga to the Western world.
On 11th September 1893 Swami Vivekanand gave famous speech at Chicago. Still on the stairs of Chicago Art Institute Swamiji’s 473 words are illuminating. Still registering relevancy.
विश्व हिन्दी दिवस प्रति वर्ष 10 जनवरी को मनाया जाता है। इसकी शुरुआत 2006 में हुई थी. इसका उद्देश्य विश्व में हिन्दी के प्रचार-प्रसार के लिये जागरूकता पैदा करना तथा हिन्दी को अन्तरराष्ट्रीय भाषा के रूप में पेश करना है।
You must be logged in to post a comment.