मशरूफ रहने का अंदाज़
तुम्हें तनहा ना कर दे ग़ालिब.
रिश्ते फुर्सत के नहीं ,
तवज्जो के मोहताज़ होते हैं.
—————
शब्दार्थ
मशरूफ – व्यस्त, busy
तनहा– अकेला , alone
तवज्जो – महत्व attention

मशरूफ रहने का अंदाज़
तुम्हें तनहा ना कर दे ग़ालिब.
रिश्ते फुर्सत के नहीं ,
तवज्जो के मोहताज़ होते हैं.
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शब्दार्थ
मशरूफ – व्यस्त, busy
तनहा– अकेला , alone
तवज्जो – महत्व attention

Waah waah bahut badhiya👍👍🙂❤🌻
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मानव स्वभाव की ये एक बड़ी विडंबना है किंतु आश्चर्यजनक रूप से सत्य है
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बिलकुल. मैं आपसे सहमत हूँ .
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Waah
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Aabhaar
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Hahaha
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हाँ,ग़ालिब का अंदाज़ है, बढ़िया रहेगा ही. शुक्रिया .
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Beshak. Mashallah!
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Shukriya Atul.
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you are welcome!
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