आँसू

इन आँसुओं से एक  बात पूछनी है।

इतना नमक कहाँ से ढूँढ लाते हो?

कहाँ से बार बार चले आते हो?

रुक क्यों नहीं जाते ?

बातें क्यों नहीं सुनते  ?

जब देखो आँखें धुँधली कर जाते हो।

28 thoughts on “आँसू

  1. शायद कोई जवाब दे जाते ये आंसू,
    बस सवाल पे सवाल दे जाते हैं ये आंसूं,,,

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  2. बहुत ही उम्दा कविता ! बहुतों के मन की बात कह दी आपने |

    आँसू का जवाब :
    क्यों देते रहते हो
    मुझे यूँ उलाहने
    नमक लाता हूँ
    तुम्हारी नज़र को
    शुद्ध कर सँवारने
    बेवजह आँखें धुँधली कर लेते लो
    थामे रहते हमें पलकों पर
    खुश रहा करो हर हालों में
    छलक जाने दिया करों
    हमें अपने गालों पर !

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    1. शुक्रिया रविंद्र जी.आपने तो उससे भी सुंदर कविता , कविता के जवाब में कह दी . बहुत बहुत आभार.

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  3. रेखा जी, इस सवाल का जवाब आपको पुरानी फ़िल्म ‘हमराही’ के इस गीत में भी मिल सकता है :

    ये आँसू मेरे दिल की ज़ुबान हैं
    मैं रोऊँ तो रो दें आँसू, मैं हँस दूँ तो हँस दें आँसू
    ये आँसू मेरे दिल की ज़ुबान हैं

    आँख से टपकी जो चिंगारी
    हर आँसू में छबि तुम्हारी
    चीर के मेरे दिल को देखो
    बहते लहू में प्रीत तुम्हारी
    ये जीवन जैसे सुलगा तूफ़ान है
    ये आँसू मेरे दिल की ज़ुबान हैं

    जीवन-पथ पर जीवन साथी
    साथ चले हो मुँह न मोड़ो
    दर्द-ओ-ग़म के दोराहे पर
    मुझको तड़पता यूँ न छोड़ो
    ये नग़मा मेरे ग़म का बयान है
    ये आँसू मेरे दिल की ज़ुबान हैं

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    1. बहुत शुक्रिया जितेंद्र जी. बहुत प्यारा गीत है . कभी लगता हैं मेरे अंदर बहुत हिम्मत और हौसला है. और कभी अगले ही पल हौसला टूट जाता है.
      अक्सर लोग मुझसे पूछते हैं , ख़ास कर नए blogger कि मैं ये कवितायें क्या कल्पना से लिखती हूँ ? उसकी प्रशंसा करते हैं. यह भी अजब विडंबना है.

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      1. हौसला बनाए रखना होगा रेखा जी | वही तो आपका सच्चा साथी है | उसके बिना काम कैसे चलेगा ? कहते हैं न कि – वो ज़िंदगी का सफर हो कि जंग का मैदान – मुहाज कोई भी हो, हौसला ज़रूरी है |

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