Awesome and it is a true fact in life, Rekha. Jisko bohot please, please kiya woh hame bore lagte hai and once you leave them then they come running after us.
सही बात है ! बड़ी ताकत है वक़्त में| 1960 दशक की बलराज साहनी आदि की अभिनीत फिल्म ‘वक़्त’ में इसे बहुत अच्छे तरीके से दर्शाया है ! उसके इस गीत में भी यही भाव हैं :
वक़्त से दिन और रात
वक़्त से कल और आज
वक़्त की हर शै ग़ुलाम
वक़्त का हर शै पे राज
वक़्त की पाबन्द हैं
आती जाती रौनकें
वक़्त है फूलों की सेज
वक़्त है काँटों का ताज
आदमी को चाहिये
वक़्त से डर कर रहे
कौन जाने किस घड़ी
वक़्त का बदले मिज़ाज
वाह
वक़्त के साथ एहतराम बदल जाते हैं
आदमी देख कर सलाम बदल जाते हैं
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बहुत ख़ूब अफ़जाल , तुमने लिखा है क्या ?
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नहीं मैम
नाम याद नहीं आ रहा है इसलिए अज्ञात लिखना भी अच्छा नहीं लगा
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पोस्ट कर दो . सुंदर है . 😊
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Awesome and it is a true fact in life, Rekha. Jisko bohot please, please kiya woh hame bore lagte hai and once you leave them then they come running after us.
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Special thanks for giving your views on Hindi post dear friend 😊🌹
Yah bahut sad hai but this is the reality of life .
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Yes absolutely Rekha cause I am not very fluent in hindi so little little only
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So nice of you Kamal . Thank you.
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Welcome Rekha
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सही बात है ! बड़ी ताकत है वक़्त में| 1960 दशक की बलराज साहनी आदि की अभिनीत फिल्म ‘वक़्त’ में इसे बहुत अच्छे तरीके से दर्शाया है ! उसके इस गीत में भी यही भाव हैं :
वक़्त से दिन और रात
वक़्त से कल और आज
वक़्त की हर शै ग़ुलाम
वक़्त का हर शै पे राज
वक़्त की पाबन्द हैं
आती जाती रौनकें
वक़्त है फूलों की सेज
वक़्त है काँटों का ताज
आदमी को चाहिये
वक़्त से डर कर रहे
कौन जाने किस घड़ी
वक़्त का बदले मिज़ाज
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बहुत शुक्रिया एक छोटी सी कविता के लिए सुंदर और गीतमय उत्तर के लिए .
वक़्त बड़ी अच्छी फ़िल्म है समय के ताक़त को दर्शाती हुई .
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Wonderful
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Thank you Jay.
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🕉
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Fact… 👍
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Thanks 😊
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