चोरों की ,चोरियों की कहानियाँ सुनी काफ़ी चोर पकड़े जाते भी सुना
पर चोरनी की बातें,कम हीं सुनने में आतीं हैं.
डाकुओं की फ़िल्मे देखी पर
इनी – गिनी महिला डाकूओ की चर्चा सुनी
वह भी दस्यु सुंदरी के सम्मन के साथ .
क्या महिलाओं में साहस -मर्दानगी की कमी हैं ?
भोली हैं? जो इस फ़ील्ड को पसंद नहीं किया ?
या शातिर हैं ? इसलिए बच निकलती हैं?
या यहाँ भी पुरुष वर्चस्व हैं?ऐसा क्यों हैं?
सोचिए ज़रा……
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