ज़िंदगी के रंग – 88

ज़िंदगी के दो छोरों

को बाँधने की कोशिश

ना करना.

हमने इस कोशिश में

जाया किया है

सुनहरे पलों को.

और हाथ आया सिफ़र .

यह तो वह बहाव है .

जो अपना रास्ता

ख़ुद ही ढूँढ लेती है .

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