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A Woman

ख्याल अपना-अपना

 

एक हीं सागर को देख,
कितने अलग-अलग ख्याल आते हैं।
जब सागर के अथाह जल राशि
में झाँका ……….
उसमें किसी को  बस अपनी परछांई दिखी।
किसी  को लगा – बङा खारा यह समुंदर है।
तभी पास खङे परिचित वृद्ध सज्जन नें ,
समुद्र को नमन किया
अौर कहा –
ये तो लक्ष्मी के उत्पति दाता हैं।

 

 

किवदंति ( Mythology )

दैत्य, असुर तथा दानव अति प्रबल हो उठे। तब उन पर विजय पाने के लिये विष्णु जी के सुझाव पर क्षीर सागर मथंन कर उससे अमृत निकाला गया।

मन्दराचल पर्वत को मथनी तथा वासुकी नाग को नेती बनाया गया। स्वयं भगवान श्री विष्णु कच्छप अवतार लेकर मन्दराचल पर्वत को अपने पीठ पर रखकर उसका आधार बने। समुद्र मंथन से सबसे पहले हलाहल विष निकला।महादेव जी उस विष को पी लिया किन्तु उसे कण्ठ से नीचे नहीं उतरने दिया। उस कालकूट विष के प्रभाव से शिव जी का कण्ठ नीला पड़ गया। इसीलिये महादेव जी को नीलकण्ठ कहते हैं। उनकी हथेली से थोड़ा सा विष पृथ्वी पर टपक गया था जिसे साँप, बिच्छू आदि विषैले जन्तुओं ने ग्रहण कर लिया।
इसके पश्चात् फिर से समुद्र मंथन से लक्ष्मी जी निकलीं। साथ हीं कामधेनु गाय, उच्चैःश्रवा घोड़ा , ऐरावत हाथी, कौस्तुभमणि, कल्पवृक्ष , रम्भा नामक अप्सरा , वारुणी , चन्द्रमा, पारिजात वृक्ष, शंख निकले और अन्त में धन्वन्तरि वैद्य,  अमृत का घट लेकर प्रकट हुये।

समय मौन है !

समय गूंगा नहीं

बस मौन है,

वक्त , वक्त पर बताता है,

किसका वक्त है

अौर 

किसका कौन है!

 

 

Unknown

Strenhths and Weaknesses

all of us

are mixture of

strenhths and weaknesses.

No one has it all,

and no one lacks it all.

~~ Christopher Peterson

For Love

Except for Love,

nothing you see

will remain forever.

 

 

❤ ❤  Rumi