चाँद डूबा सूरज के लिए,
सूरज ढल गया चाँद के लिए
रिश्तों में झुकना तो चलता है
पर कुछ एक दूसरे से बँधे होते है
पर नदी के दो किनारे जैसे .
एक रिश्ता ये भी निभा रहे है .
चाँद डूबा सूरज के लिए,
सूरज ढल गया चाँद के लिए

चाँद डूबा सूरज के लिए,
सूरज ढल गया चाँद के लिए
रिश्तों में झुकना तो चलता है
पर कुछ एक दूसरे से बँधे होते है
पर नदी के दो किनारे जैसे .
एक रिश्ता ये भी निभा रहे है .
चाँद डूबा सूरज के लिए,
सूरज ढल गया चाँद के लिए

बिखरती खुशबू को समेटने
की चाहत देख सुगंध ने कहा –
हमारी तो फितरत हीं है बिखरना
हवा के झोंकों के साथ।
तुमने बिखर कर देखा है कभी क्या ?
इस दर्द में भी आनंद है।
Love and work
are to people,
what water and
sunshine are to plants.
~~ Jonathan Haidt