जंग

 

कहते है अपनों से हुए जंग हार जाना चाहिये,

पर बार-बार  हारते हुए,

सामने वालो को भूल का एहसास ना दिलाने 

अौर बस  ढोते रहने से,

 रिश्तों मे जो जंग लग जाती है

उसका क्या?

50 thoughts on “जंग

    1. धन्यवाद सविता, ऐसी बातें अक्सर समझाई जाती हैं, पर किसी की गलती उसे ना बता कर झुक जाना, किसी के लिये भी अच्छा नहीं है।

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