जिंदगी के रंग – 26

 

IndiSpire – Ideas for Edition 185

Do you have that one person who was once your best companion but now a complete stranger? What changed?

जिंदगी के सफर में जब भी  रिश्तों की

कश्ती ङूबती है

कभी माँझी,  कभी मौसम अौर

कभी  नदी  के भँवर ………. बदनाम होते हैं।

पर जब नाव का  छुपा सुराख़ ही उसे

ङूबाने लगे  ,

 तब  वफा – वेवफा, टूटना – छूटना,

अपना -पराया क्या मतलब रखतें हैं?

धोखा… अविश्वास का  सुराख़…..

किसी  को मार  ङालने

के लिये अकेले हीं काफी है।

यह

    रिश्तों  को जीने  नहीं देता………

जिंदगी के रंग – 25

पलट कर देखा, लगा काश…..

बीता समय लौट आये।
जिंदगी ने हँस कर कहा –
यह लिखना -मिटाना

 फिर कुछ नया लिखना……..

यह  तुम्हारी फितरत होगी,

हमारी नही।
हम तुम्हारी तरह  लेखक या कवि नहीं हैं।
दूसरा मौका हम नहीं देते!!!!!

Peace the highest enjoyment

 

 

सन्तोषः परमो लाभः सत्सङ्गः परमा गतिः ।

विचारः परमं ज्ञानं शमो हि परमं सुखम् ॥

santoSaH paramo lAbhaH satsaGgaH paramA gatiH |
vicAraH paramaM jJAnaM zamo hi paramaM sukham ||

 

English Translation of Sanskrit Quote:

Contentment is the highest gain,
Good Company the highest course,
Enquiry the highest wisdom,
and

Peace the highest enjoyment.

 

~~Yoga Vasistha