IndiSpire – Ideas for Edition 185
Do you have that one person who was once your best companion but now a complete stranger? What changed?
जिंदगी के सफर में जब भी रिश्तों की
कश्ती ङूबती है
कभी माँझी, कभी मौसम अौर
कभी नदी के भँवर ………. बदनाम होते हैं।
पर जब नाव का छुपा सुराख़ ही उसे
ङूबाने लगे ,
तब वफा – वेवफा, टूटना – छूटना,
अपना -पराया क्या मतलब रखतें हैं?
धोखा… अविश्वास का सुराख़…..
किसी को मार ङालने
के लिये अकेले हीं काफी है।
यह
रिश्तों को जीने नहीं देता………