Heart and Mind

 

The mind says

there is nothing

beyond the physical world;

The HEART says there is,

and I’ve been there many times ……

~ Rumi

तो क्या हुआ…?

mann's avataryeh_jindagi

(अभी अभी व्हाट्सएप्प स्टेटस में  आरजे वशिष्ठ का एक वीडियो देखा जिसकी आखिरी पंक्तियों के बोल थे तो क्या हुआ…इतना अच्छा लगा की मेरे एहसास भी इसके साथ जुड़ गए…और कुछ पंक्तिया मेने भी लिख दी आशा है की आप सब पसंद करेंगे)



साथ रहने का वादा टुटा…..तो क्या हुआ..

कंधे पे जिसके रोते थे ….वो कन्धा छुटा तो क्या हुआ..

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ऐसा तो नही था की तुम और हम बने ही थे एक दूजे के लिए…

साथी थे हमसफ़र तो नहीं…

राह चलते…राहे बदलते कोई साथी छूटा तो क्या हुआ…

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जिस यारी के दम पर लोगो को जलाया करते थे…वो याराना ही टुट गया… तो क्या हुआ…

मुस्कुराते होठो से मुस्काने छूटी… तो क्या हुआ..

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मीठे से मन की…मिठास ही मिट गई… तो क्या हुआ…

कामयाबी के शिखरो के आगे….जमींन पर कोई यार छुटा…. तो क्या हुआ

.

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वो रोया गिड़गिड़ाया..टुटा ….जुड़ा… फिर…

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चिराग की फितरत

जिस राह पर हर बार  मुझे

अपना कोई छलता रहा ।

फिर भी ना जाने क्यों मैं

उसी राह ही चलता रहा।

सोंचा इस बार….

रौशनी नहीं धुआँ दूँगा।

लेकिन चिराग था फितरत से,

जलता रहा..

  जलता रहा……

 

Anonymius