लाल बत्ती- भूलना मुश्किल है ! – कविता Red Light- Poetry

News, The Hindu, India.FRIDAY, APRIL 21, 2017

The government has decided to do away with beacons of all kinds atop all categories of vehicles in the country as it is of the considered opinion that beacons on vehicles are perceived symbols of VIP culture, and have no place in a democratic country. They have no relevance whatsoever,” the Road Transport and Highways Ministry said in a statement later.

लाल बत्ती भी क्या चीज है ?

 किसी उच्च पुलिस पदाधिकारी की लाल बत्ती कार

 सरेआम ट्रैफिक रूल को तोड़ती  आगे बढ़ गई।

           इसे भूलना मुश्किल है!!!!!

दूसरी लाल बत्ती  ऑपरेशन थिएटर की,

किसी के ब्रेन ट्यूमर के ऑपरेशन के दौरान 6- 8 घंटे बैठकर,

उस लाल बत्ती को  अनिश्चितता से निहारना,

उसे भी भूलना मुश्किल है!!!!

तीसरी लालबत्ती – रेड लाइट एरिया,

सच्चाई समझना हो, तो इनका दर्द महसूस   करना होगा,

इन  की  जिंदगी क्या है? जानने के बाद,

भूलना मुश्किल होगा!!!!!!

चलो एक लाल बत्ती  तो हटी।

दूसरी लाल बत्ती जीवनदायीनी है,

काश, तीसरी रेड लाइट (एरिया) के बारे में भी लोग सोचें…………

Image courtesy internet.

मंदिर- कविता

मंदिर, मस्जिद, चर्च, गुरुद्वारे….

में हम सब के  जलाये , 

अगरबत्ती, मोमबत्ती, दीप……..

जलने के बाद

इनकी  धूम्र रेखाएं अौर  रौशनी

आपस में   ऐसे घुलमिल जातीं हैं,

अगर चाहो भी तो अलग नहीं कर सकते।

हम कब ऐसे घुलना-मिलना सीखेंगे?

 

image courtesy internet.