रात बुला ले जाती है!

चारो ओर छाया रात का रहस्यमय अंधेरा,

दिन के कोलाहल से व्यथित निशा का सन्नाटा,

गवाह है अपने को जलाते चराग़ों के सफ़र का।

कभी ये रातें बुला ले जाती है नींद के आग़ोश में ख़्वाबों के नगर।

कभी ले जातीं है शब-ए-विसाल और

कभी दर्द भरी जुदाई की यादों में ।

हर रात की अपनी दास्ताँ और अफ़साने होतें है,

और कहने वाले कह देतें हैं- रात गई बात गई !

शब-ए-विसाल – मिलन की रातें/ the night of union

#TopicByYourQuote

हँसी !! 

हर हँसी के पीछे छुपी एक ना एक कहानी होती है।

कुछ बेमानी,

कुछ जानी या

अनजानी  होती है।

कुछ मोनालिसा सी रहस्यमय पहेली होती है।

कुछ ख़ुशियों भरी और

कुछ के पीछे छुपी आँसुओं की कहानी होती है.

चाहे कहो इसे मनोविज्ञान या विज्ञान में जेलोटोलॉजी

पर यह तय है कि हर हँसी पैग़ाम होती है ख़ुशियों की

अौर गम भुला,

सीखा देती है, जिंदगी में मुस्कुराने की।

 

 

 

मौन

 

मौन  को चुप्पी ना समझें,  बहुत कुछ छुपा होता है इसके अंदर,  इसे समझ सकतें हैं

इसकी रहस्यमय गहराई तक  झाँक कर,  क्योंकि मौन की भाषा में शब्द नहीं होते  ।।