मंदिर, मस्जिद, चर्च, गुरुद्वारे….
में हम सब के जलाये ,
अगरबत्ती, मोमबत्ती, दीप……..
जलने के बाद
इनकी धूम्र रेखाएं अौर रौशनी
आपस में ऐसे घुलमिल जातीं हैं,
अगर चाहो भी तो अलग नहीं कर सकते।
हम कब ऐसे घुलना-मिलना सीखेंगे?
image courtesy internet.
मंदिर, मस्जिद, चर्च, गुरुद्वारे….
में हम सब के जलाये ,
अगरबत्ती, मोमबत्ती, दीप……..
जलने के बाद
इनकी धूम्र रेखाएं अौर रौशनी
आपस में ऐसे घुलमिल जातीं हैं,
अगर चाहो भी तो अलग नहीं कर सकते।
हम कब ऐसे घुलना-मिलना सीखेंगे?
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