एकांत लम्हों

नेमतों से नवाज़ा

चल पड़े कहीं भी

मैं ख़ुद आईना

आईने ने पूछा –

क्यों लिए फिरती हो मुझे साथ?

मैंने कहा –

यक़ीं है, कड़वे लोगों को बेहतरीन

ज़वाब दे ऊपरवाला थामे रहेगा मेरा हाथ।

पर भूल से भी अहंकार में ना डूब जाऊँ,

आईने में खुद को देख नज़रें झुकाऊँ,

इस कोशिश में कि मैं ख़ुद आईना बन जाऊँ।

अपने से अपनी होड़ लगाऊँ।

Interesting fact –
Stay true to yourself. As what brings

you a sense of happiness, purpose

and meaning in life is important.

तन्हा तन्हा सफ़र

जहान में आए तन्हा,

जाना है यहाँ से तन्हा।

तन्हाई अकेलापन नहीं, है एकांत।

ग़र मिलना है ख़ुदा से, ख़ुद से।

तन्हाईयाँ हीं मुलाक़ात हैं करातीं।

अक्सर जीवन का सफ़र होता है क़ाफ़िले में,

फिर भी होती हैं दिल में तनहाइयाँ।

मिलो सबों से,

पर करो अपने साथ सफ़र।

ना जाने क्यों ख़ूबसूरत तन्हाईयाँ हैं बदनाम।

ज़िन्दगी के रंग – 213

जो बनते रहें हैं अपने.

कहते हैं पहचान नहीं पाए तुम्हें !

आँखों पर गुमान की पट्टी ऐसी हीं होती है.

अच्छा है अगर लोंग पहले पहचान लें  ख़ुद को।

ज़िंदगी के राहों में,

हम ने बख़ूबी पहचान लिया इन्हें!

 

शुजाअत

अक्सर ज़िंदगी के बहाव में,

हर दो राहे पर ख़ुद से ख़ुद जंग लड़नी पड़ती है.

शुजाअत….इसमें हीं है कि

बिना हारे अपनी सही राह पर बहते रहें…चलते रहें।

अगर मंज़िल पाना है.

अर्थ उर्दू लफ्ज़ का –

शुजाअत….वीरता

ज़िंदगी के रंग – 191

हमसे ना उम्मीद रखो सहारे की.

ख़ुद हीं लड़ रहे हैं नाउम्मीदी से.

वायदा है जिस दिन निकल आए,

पार कर लिया दरिया-ए-नाउम्मीद को.

सबसे बड़े मददगार बनेंगे.

 

चुम्बक magnet

 

पल पल बदलता यह मन

ना जाने क्या ढूँढता रहता है .

शायद यह खींचता  है कुछ

अौर ख़ुद खींच जाता  है किसी ओर।

चुम्बक की तरह लगता है ….