हमसे ना उम्मीद रखो सहारे की.
ख़ुद हीं लड़ रहे हैं नाउम्मीदी से.
वायदा है जिस दिन निकल आए,
पार कर लिया दरिया-ए-नाउम्मीद को.
सबसे बड़े मददगार बनेंगे.
हमसे ना उम्मीद रखो सहारे की.
ख़ुद हीं लड़ रहे हैं नाउम्मीदी से.
वायदा है जिस दिन निकल आए,
पार कर लिया दरिया-ए-नाउम्मीद को.
सबसे बड़े मददगार बनेंगे.
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