आँधी और दिया

अतीत की  स्मृतियों का बोझ दम घोटने लगता है . अौर उनमें जीने की चाहत भी होती है।

यह कोशिश, कुछ ऐसी बात है जैसे – आँधियाँ भी चलती रहें, और दिया भी जलता रहे..।

जिंदगी के रंग -33

दिल पर लगी चोट,

आँसू बन कर बह जाते हैं।

सूखी आँखें अौर

वर्षा के बाद के

धुले असमान देख कर क्या लगता है ,

कभी इतनी तेज़ आँधी आई थी?