अतीत की स्मृतियों का बोझ दम घोटने लगता है . अौर उनमें जीने की चाहत भी होती है।
यह कोशिश, कुछ ऐसी बात है जैसे – आँधियाँ भी चलती रहें, और दिया भी जलता रहे..।
अतीत की स्मृतियों का बोझ दम घोटने लगता है . अौर उनमें जीने की चाहत भी होती है।
यह कोशिश, कुछ ऐसी बात है जैसे – आँधियाँ भी चलती रहें, और दिया भी जलता रहे..।
दिल पर लगी चोट,
आँसू बन कर बह जाते हैं।
सूखी आँखें अौर
वर्षा के बाद के
धुले असमान देख कर क्या लगता है ,
कभी इतनी तेज़ आँधी आई थी?