
गीली पलकों पर
आँसुओं के चमकते
सितारे देख
आसमान के टिमटिमाते
सितारों ने झुक कर पूछा –
क्या जमीं पर नयनों से
सितारे बोना है?
क्यों है, मायूस चेहरा
और आँखों में आँसू ?
इनसे कुछ मिलेगा क्या?
नहीं ना?
अब ज़रा मुस्कुरा कर जी लो।
मान कर जियो कि
तुम्हारे पास मुस्कुरा कर
जीने के अलावा रास्ता नहीं।
फिर देखो,
ज़िंदगी, अँधेरा दूर कर
कैसे जलाती हैं
ख़ुशियों के चिराग़ ।