ऐतबार

यक़ीन और भरोसा टूटने पर,

अपने ऐतबार पर शर्मिंदा ना हों।

कहते हैं,

बार-बार कोई विश्वास तोड़े,

तब उसे जाने दो।

समझ लो,

यह है ईश्वर का संकेत।

क्योंकि

किसी से खिलवाड़ करने वाले से, नियति है खिलवाड़ करती।

यह है ऊपर वाले का नियम।

11 thoughts on “ऐतबार

  1. पथरीले एक
    पथ
    परिचित होना
    स्वयं को
    होगा
    से
    क्या बाएं हाथ चाहता है
    और दाहिने हाथ से
    अधिनियम में
    बाधित

    लोगों को उनकी जरूरत है
    घर का बना भगवान
    उसके साथ
    यदि आवश्यक हो तो मौत की सजा
    निर्धारित शत्रु पर
    उसे लागू करने के लिए

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