ज़िंदगी की राहों में लोग
रूठते-छूटते रहते हैं।
कुछ अपनों के अपना होने के
भ्रम टूटते रहतें हैं।
अँधेरे पलों में कुछ सच्चे अपने,
दमकते सितारों से,
ज़िंदगी में जुटते रहतें हैं।
ज़िंदगी की राहों में लोग
रूठते-छूटते रहते हैं।
कुछ अपनों के अपना होने के
भ्रम टूटते रहतें हैं।
अँधेरे पलों में कुछ सच्चे अपने,
दमकते सितारों से,
ज़िंदगी में जुटते रहतें हैं।
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