ज़िंदगी के रंग – 198

दुनिया में सुख हीं सुख हो,

सिर्फ़ शांति हीं शांति और ख़ुशियाँ हो.

ऐसा ख़ुशियों का जहाँ ना खोजो.

वरना भटकते रह जाओगे.

जीवन और संसार ऐसा नहीं.

कष्ट, कोलाहल, कठिनाइयों से सीख,

शांत रह कर जीना हीं ख़ुशियों भरा जीवन है……

9 thoughts on “ज़िंदगी के रंग – 198

  1. सही कहा। अर्थ यह है कि सुख और शांति आपके अन्दर है न कि बाहर। बाहर कितना भी कोलाहल हो, अगर मन शान्त है तो कोलाहल का असर नही पडता। दूसरी बात यह है कि ईश्वर पर विश्वास करने बालों पर बाहर की चीजों का प्रभाव नही पड़ता।

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