आँखों में झलकती ख़ुशियाँ, होंठों पर थिरकती-बहती ख़ुशियाँ !!! जहाँ मिले ख़ुशियों का ख़ज़ाना, बटोर लो अपने अरमानों के गुल्लक में.

आँखों में झलकती ख़ुशियाँ, होंठों पर थिरकती-बहती ख़ुशियाँ !!! जहाँ मिले ख़ुशियों का ख़ज़ाना, बटोर लो अपने अरमानों के गुल्लक में.
जहां प्रेम है खुशियाँ वहीं है।
जैसे राधे बिन कृष्ण नही हैं।
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बिलकुल सच!!!
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ये तो वही बात हो गई
“हमने एक छोटी सी गुजारिश क्या कर दी
उसने मुझ पर खुशियों की बारिश हि कर दी”
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हाँ, ख़ुशियाँ है चारो ओर . बस कई बार दिखता नहीं.
ख़ूबसूरत पंक्तियाँ लिखने के लिए शुक्रिया शैंकी.
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लाज़वाब।तस्वीर बहुत सुन्दर है,राधा ने भी यही किया था कान्हा के तस्सवुरात से अपने अरम़ानों की गुल्लक भर के अपने अस्तित्व को अमर कर दिया था..
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आपका रहे दिल से आभार इतनी प्यारी प्रतिक्रिया के लिए 😊
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Most welcome,dear🌷
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तहे दिल से *
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😊
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