ख़ुशियाँ

आँखों में झलकती ख़ुशियाँ, होंठों पर थिरकती-बहती ख़ुशियाँ !!! जहाँ मिले ख़ुशियों का ख़ज़ाना, बटोर लो अपने अरमानों के गुल्लक में.

9 thoughts on “ख़ुशियाँ

  1. ये तो वही बात हो गई

    “हमने एक छोटी सी गुजारिश क्या कर दी
    उसने मुझ पर खुशियों की बारिश हि कर दी”

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    1. हाँ, ख़ुशियाँ है चारो ओर . बस कई बार दिखता नहीं.
      ख़ूबसूरत पंक्तियाँ लिखने के लिए शुक्रिया शैंकी.

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  2. लाज़वाब।तस्वीर बहुत सुन्दर है,राधा ने भी यही किया था कान्हा के तस्सवुरात से अपने अरम़ानों की गुल्लक भर के अपने अस्तित्व को अमर कर दिया था..

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