कैसे तय करे कि हम वोट किसे दें?

व्यंग Satire

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चुनाव का मौसम आते राजनीति

गलियरों में एक खेल ज़ोरों पर है।

एक दूसरे पर ताने कसते, व्यंग,

टीकाटिप्पणी करते…..

धर्म, पार्टी, राजनीतिक आधार पर

तंज कसते, छिंटाकशी करते बड़े लोगों का खेल.

जो बच्चों जैसे लग रहे हैं.

जनता भी बिना सोचे समझे

इस खेल को खेलने लगी है.

अब इंतज़ार यह है कि ये लोग कब बड़े होंगे .

तब तो हम,

तय करेगे किहम वोट किसे दें !!!!

17 thoughts on “कैसे तय करे कि हम वोट किसे दें?

    1. Han,, और जनता बेचारी confuse होती रहती है – सच्चा कौन झूठा कौन यह सोचती रहती है .

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      1. लोगों को आपस में झगड़ते देखा है नेताओं के चक्कर में और आगे चल कर ये दलबदलू नेता बात बदल लेते है .

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      2. तो फिर देश कौन सम्भालेगा ? वोट किसे दे? यही तो नहीं समझ आता .

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    1. नीरज , तुम्हें नहीं लगता कि राजनीतिज्ञों, उच्च ओहदे पर बैठे लोगों को हल्की , ओछी, ग़लत भाषा का इस्तेमाल। नहीं करना चाहिए , अगर वे opposition के लिए statement दे रहे हो तब भी?
      यह सब देख कर मुझे सचमुच अफ़सोस होता है. योग से आध्यात्मिक ऊँचाइयों पर पहुँचने की बातें कहीं जाती है .

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      1. आप बिल्कुल सही है रेखा जी ! भाषा में मर्यादा और संयम ना हो तो उस भाषा का असर किसी भी प्रकार से समाज के लिए लाभदायक तो नहीं हीं है

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      2. हाँ. बिलकुल. कुछ तो mental level होना चाहिए . अच्छा लगा तुमने अपने विचार share किए .

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  1. “तंज कसते, छिंटाकशी करते बड़े लोगों का खेल.
    जो बच्चों जैसे लग रहे हैं……
    अब इंतज़ार यह है कि ये लोग कब बड़े होंगे .

    तब तो हम,
    तय करेगे कि– हम वोट किसे दें !!!!
    – Beautifully penned!

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