दिल के कुछ ऐसे
गहरे, अनदेखे..धुँध भरे
कोने भी हैं,
जहाँ ढेरों यादें
ढेरों बातें
बसे है …..
कहीं गहरे अँधेरा में .
क्योंकि वहाँ
सूरज हीं नहीं चमकता .

दिल के कुछ ऐसे
गहरे, अनदेखे..धुँध भरे
कोने भी हैं,
जहाँ ढेरों यादें
ढेरों बातें
बसे है …..
कहीं गहरे अँधेरा में .
क्योंकि वहाँ
सूरज हीं नहीं चमकता .

बहुत खूब
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धन्यवाद अफ़ज़ल, केरल पर लिखा कविता कैसा है ? ज़रूर बताना .
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Waah ….kya khub kaha……bahut badhiya.
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Aapkaa bahut aabhaar 😊
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