भविष्य के गर्भ में क्या छुपा है इसका भय अौर चिन्ता,
भूत काल की यादें, दुख ….अफसोस ….पछतावा
क्या कुछ बदल सकता है ?
फिर क्यों नहीं चैन से साँस लिया जाय
अौर वर्तमान में …..
जिया जाये ? ?
भविष्य के गर्भ में क्या छुपा है इसका भय अौर चिन्ता,
भूत काल की यादें, दुख ….अफसोस ….पछतावा
क्या कुछ बदल सकता है ?
फिर क्यों नहीं चैन से साँस लिया जाय
अौर वर्तमान में …..
जिया जाये ? ?
भविष्य के गर्भ में क्या छुपा है यह भय
भूत काल का दुख ….अफसोस ….पछतावा
क्या कुछ बदल सकता है ?
फिर क्यों नहीं वर्तमान में …..
जिया जाये ? ?






The highest and most beautiful
things in life
are not to be heard about,
nor read about,
nor seen but,
if one will,
are to be lived.
~~ Søren Aabye Kierkegaard

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