पूरे आस-विश्वास के साथ वह लौटी पितृ घर,
पिता की प्यारी-लाङली
पर ससुराल की व्यथा-कथा सुन,
सब ने कहा- वापस वहीं लौट जा।
किसी से कुछ ना बता,
वर्ना लोग क्या कहेगगें ?
इतने बङे लोगों के घर की बातें बाहर जायेगी, तो लोग क्या कहेगें?
( लोग सोचतें हैं, घर की बेटियों को परेशानी में पारिवारिक सहायता मिल जाती है। पर पर्दे के पीछे झाकें बिना सच्चाई जानना मुशकिल है। कुछ बङे घरों में एेसे भी ऑनर किलिंग होता है)
छाया चित्र इंटरनेट के सौजन्य से।

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