Think of your moods
as a thermometer that
takes the temperature of your life,
if you just want to
be happy all the time,
it’s like wanting to break your thermometer.
Robert Biswas-Diener
Think of your moods
as a thermometer that
takes the temperature of your life,
if you just want to
be happy all the time,
it’s like wanting to break your thermometer.
Robert Biswas-Diener
इंपोस्टोर सिंड्रोम – जब लोग अपनी सफलता को इत्तफ़ाक़ या संयोग मानते हैं या उन्हें आत्म-संदेह होता रहता है (यह गलती से सफलता मिलने या खुद को कामयाबी के लायक नहीं मानने का अनुभव है)।
क्या आप जानते हैं , अनेक लोग इस सिंड्रोम से प्रभावित होते हैं ।
दुनियाभर में सुपरहिट रही हॉलीवुड फिल्म शृंखला ‘हैरी पॉटर’ में नायक की अभिन्न मित्र ‘हरमॉयनी ग्रेंजर’ की भूमिका निभाकर घर-घर में पहचान बनाने वाली अभिनेत्री एम्मा वॉटसन को लगता है, कि उन्हें अपनी काबिलियत से कहीं ज़्यादा कामयाबी हासिल हुई है। खुद को इतनी कामयाबी के लायक नहीं मानतीं एम्मा वॉटसन।
ऐसे लोग प्रायः अपनी प्रशंसा को हलके में लेते हैं, परिपूर्णतावादी / पर्फेक्सनिस्ट, बेहद मेहनती, अौर असफलता से ङरे रहते हैं (70% से अधिक लोग अपने जीवन में कभी ना कभी ऐसा अनुभव करतें हैं)। अगर आप को ऐसा लगता है, तब ङरे नहीं , क्योंकि आप जैसे बहुत लोग हैं जिन्हें आत्म-संदेह होता रहता है। 1 9 78 मनोवैज्ञानिकों पॉलिन अौर क्लेंस और सुज़ान/ Pauline and Suzanne शब्द दिया था। यह सिंड्रोम अच्छी उपलब्धि वालों व महिलाओं में अक्सर होता है।
इसका सामना करने के उपाय –
मनोविज्ञान – क्या यह मन का विज्ञान है? इसके नाम से लगता हे, जैसे यह मन का विज्ञान है। यह अनुभव अौर व्यवहार का विज्ञान है। यह एक एेसा विषय है जो हमारे व्यवहार को समझने में मदद करता है। यह हमारी मानसिक प्रक्रियाओं, अनुभवों अौर व्यवहार का अध्ययन करता है। हम कब, क्या , क्यों, अौर कैसे य्यवहार करते हैं। इसे समझने का विज्ञान है।
आज के समय में मनोविज्ञान बङा महत्वपुर्ण हो गया है। यह विज्ञापन, व्यावसाय, लोगों के प्रतिक्रियाओं, जनमत या बाजार का रुझान, खेल अौर खिलाङियों , अपराध का व्यवहार सब कुछ समझने के काम आता है।
क्यों नहीं अपने व्यवहार को समझा जाये?– विचार, चिन्तन, भाव ,आसपास के वातावरण अौर घटनाअों का असर हम पर पङता है। हमारा व्यक्तित्व , बौद्भिकता, संवेदन, सीखना, स्मृति, चिन्तन हमारे व्यवहार पर असर ङालतें हैं। दरअसल, हमारे व्यवहार एवं मानसिक प्रक्रियाएं आपस में जुटे होते हैं। अतः अपने व्यक्तित्व को समझना जरुरी है। ताकि अपने व्यवहार को समझा जा सके।
image from internet.