Graphene-based sieve turns seawater into drinking water ग्राफीन छलनी समुद्री जल को पीने के पानी में बदल सकता है


BBC News

A UK-based team of researchers has created a graphene-based sieve capable of removing salt from seawater. The sought-after development could aid the millions of people without ready access to clean drinking water.

The promising graphene oxide sieve could be highly efficient at filtering salts, and will now be tested against existing desalination membranes.

Reporting their results in the journal Nature Nanotechnology, scientists from the University of Manchester, led by Dr Rahul Nair, show how they solved some of the challenges by using a chemical derivative called graphene oxide.

 

 

ब्रिटेन के शोधकर्ताओं  ने समुद्री जल से नमक को हटाने में सक्षम एक ग्राफीन की छलनी बनाई है। जिससे लाखों लोगों को पीने का पानी  मिलेगी की संभावना है।

डॉ. राहुल नायर के नेतृत्व में यूनिवर्सिटी ऑफ मैनचेस्टर के वैज्ञानिक नेचर नैनोटेक्नोलॉजी में अपने परिणामों की रिपोर्ट करते हुए दिखाया हैं कि कैसे उन्होंने ग्रेफेन ऑक्साइड  का उपयोग करके इन चुनौतियों का समाधान कर रहें हैं।

मानसिक स्वास्थ्य अौर भारत – समाचार ( India’s mental health scenario)

 

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                       मानसिक स्वास्थ्य अौर भारत

क्या आप जानते हैं , दुनिया में सबसे ज्यादा आत्महत्या हमारे देश (2012 )में  होता है। जिसे यहाँ अपराध माना जाता था। जबकि  विश्व भर  में आत्महत्या  को गंभीर मानसिक तनाव व अवसाद का परिणाम बताया जा रहा है।  अफसोस की बात है, भारत की आबादी का 27% अवसाद /depression  से (विश्व स्वास्थ्य संगठन/ WHO के अनुसार)  पीड़ित है। भारत जैसे विशाल देश में मानसिक स्वास्थ्य  चिकित्सा सुविधाओं और संसाधनों की भारी कमी है।

           मानसिक स्वास्थ्य देखभाल विधेयक

विश्व में  अनेक देशों में मानसिक स्वास्थ्य को शारीरिक रोगों जैसा महत्व दिया जा रहा है। पर हमारे देश में मानसिक स्वास्थ्य / रोग को  छुपाया जाता है। अच्छी खबर है ,  कि सरकार द्वारा  मानसिक स्वास्थ्य को महत्व देते हुए मानसिक स्वास्थ्य देखभाल विधेयक बिल  तैयार किया गया है। उम्मीद है यह जल्दी हीं ठोस रूप लेगा।

                    जागरुकता

आज सबसे जरुरी है, लोगों में जागरुकता लाना।  मानसिक समस्या  को संकोच अौर शर्मिदगी नहीं समझना चाहिये। इसे छुपाने के बदले चिकित्सकिय सहायता लेना चाहिये।

 

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पूर्व नाज़ी गार्ड को ९४ साल के वयस में जेल

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नाज़ियों ने द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान आउसवित्स शिविर में 11 लाख़ से ज्यादा लोगों की हत्या की थी जिनमें ज्यादातर यहूदी थे.

जर्मनी के पश्चिमी शहर डेटमॉल्ड में चार महीनों तक चले मुकदमे के बाद यह फ़ैसला आया है. 1942 से 1944 तक आउसवित्स में गार्ड रहे हनिंग ने शिविर में हुई घटनाओं की जानकारी होने की बात क़बूली . हनिंग ने कोर्ट को बताया – “मैं कहना चाहता हूं कि ये बात मुझे बहुत परेशान करती है कि मैं ऐसे आपराधिक संगठन का हिस्सा रहा. मैं शर्मिंदा हूं कि मैं अन्याय को देखता रहा और मैंने कुछ नहीं किया और इसके लिए मैं माफ़ी मांगता हूं. मुझे बहुत-बहुत खेद है.”

दक्षिण पोलैंड के आउसवित्स यातना शिविर में गार्ड रहे 94 साल के राइनहोल्ट हनिंग को पांच साल की जेल हुई है.
उन्हें एक लाख़ 70 हज़ार लोगों की हत्या में मदद करने का दोषी पाया गया है.

फ़ासिज़्म या राष्ट्रीय समाजवाद ,  जर्मनी की नाजी पार्टी के साथ जुड़ा राजनीतिक दल था। यह 1920 के दशक में शुरू हुई। पार्टी  ने 1933 में सत्ता हासिल किया तथा 1945 द्वितीय विश्व युद्ध तक जर्मनी में रही।  

 

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